MP Patwari Joining Update 2024 एमपी पटवारी जॉइनिंग अपडेट, 9000 चयनित पटवारियो का क्या होगा जाने
मध्यप्रदेश में एक परीक्षा का मुद्दा खत्म होता नहीं कि दूसरी परीक्षा का मुद्दा सामने आ जाता है। पीएससी की मेंस परीक्षा का मुद्दा एक तरफ चल ही रहा है तो आप दूसरी तरफ पटवारी भर्ती परीक्षा एक बार फिर चर्चा में आ गई है। पटवारी भर्ती परीक्षा पर धांधली के आरोप लगे थे। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राजेन्द्र वर्मा कमेटी कोको इस मामले की जांच सौंप दी थी।
जिसकी रिपोर्ट 30 जनवरी को सरकार को सौंप दी गई है। मात्र 74 पेज की इस रिपोर्ट में पटवारी भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट दे दी गई है यानी जांच कमेटी का यह मानना है कि परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है। अब इस जांच रिपोर्ट पर मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग यानी जीएडी लगभग पंद्रह दिनों से विचार ही कर रहा है।
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष ने
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया है कि पटवारी जांच रिपोर्ट का मामला अभी विचार में है यानी जब तक सामान्य प्रशासन विभाग इस मामले पर कर्मचारी चयन मंडल को हरी झंडी नहीं देगा। पटवारी भर्ती पर स्थिति साफ नहीं होगी। अब तब तक स्थिति साफ नहीं हो जाती आठ हजार से ज्यादा पटवारी भर्ती में चयनित उम्मीदवार और लगभग दस लाख परीक्षा देने वाले उम्मीदवार सिर्फ इंतजार ही कर सकते हैं।
87 फीसदी रिजल्ट जारी किया जाएगा
सामान्य प्रशासन विभाग के सामने हमें जो चुनौती दिखाई देती है वो ये कि ग्वालियर के जिस एनआरआई परीक्षा सेंटर से सारा विवाद खड़ा हुआ। उस पर विभाग क्या फैसला करता है और विभाग यह भी देखेगा कि जांच रिपोर्ट को वह मान्य करे या नहीं और एक प्रमुख मुद्दा यह भी है कि अगर जल्द जारी किया जाता है तो क्या पूरा का पूरा सौ फीसदी रिजल्ट जारी किया जाएगा या फिर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के चलते महज से 87 फीसदी रिजल्ट जारी किया जाएगा।
एमपी पटवारी जांच रिपोर्ट में कही गई महत्वपूर्ण बातें
अब आपको जांच रिपोर्ट में जो बातें लिखी हैं उन बातों के बारे में कुछ बता दें कि आखिर किस आधार पर जांच कमेटी ने परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली से साफ इंकार कर दिया कमेटी का कहना है कि जो भी टॉपर्स हैं उन्होंने अलग अलग समय पर फॉर्म भरे जो डॉक्यूमेंट उनकी तरफ से भरे गए थे। वो भी अलग अलग समय पर भरे गए।
ऐसे में एक सेंटर से एक सौ चौदह उम्मीदवारों का सिलेक्ट होना शक करने का आधार नहीं है क्योंकि उम्मीदवार लाखों में थे और कई सेंटर से दो सौ दो सौ उम्मीदवार भी सिलेक्ट हुए हैं और एक सेंटर से ज्यादा टॉपर होना भी शक पैदा नहीं करता और जो दिव्यांग हैं उनके दस्तावेज सही है या नहीं यह नियुक्ति के समय जब जांच होगी तब पता चलेगा कि उनके डॉक्यूमेंट सही है या नहीं ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि जांच कमेटी का कहना है इस पूरे मामले पर छात्रों का क्या रुख रहता है यह तो जब रिजल्ट जारी किया जायेगा तब मालूम पड़ेगा लेकिन तब तक छात्र क्या करते हैं।
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